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सोमवार, 23 मई 2022

Vat Savitri vrat 2022: वट सावित्री व्रत पर बन रहा है सर्वार्थ सिद्धि योग, जानें किस समय से शुरू होगा यह योग

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 सोमवार 30 मई को वट सावित्री का व्रत पर इस बार काफी अच्छा संयोग बन रहा है। इस दिन शनि जयंती के साथ सुबह 7:12 मिनट से सर्वार्थ सिद्धि योग शुरू होकर 31 मई सुबह 5:08 मिनट तक रहेगा। ज्योतिषविदों की राय में इस खास योग में पूजा करने से फल कई गुना अधिक बढ़ जाएगा।

हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि के दिन वट सावित्री का व्रत रखा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ के लिए व्रत रखती हैं। वट वृक्ष की विधि-विधान से पूजा, परिक्रमा करके पति के जीवन में आने वाली समस्याओं को दूर करने की प्रार्थना की जाती है। ज्योतिषाचार्य डा.सुशांतराज के मुताबिक वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर पूजा करने और रक्षा सूत्र बांधने से पति की आयु लंबी होता है और हर मनोकामना पूर्ण होती है। क्योंकि इस वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवता वास करते हैं। इसलिए वृक्ष की पूजा करने से सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

वट सावित्री  व्रत पर महिलाएं अपने पति की लबी उम्र के लिए वट सावित्री व्रत रखती हैं। इस दिन वट वृक्ष की पूजा की जाती है। महिलाएं सुबह नए कपड़े पहनकर श्रंगार करके  वट वृक्ष की परिक्रमा करती है। इसके बाद चारों ओर पीला धागा लेपटा जाता है और कथा सुनी जाती है। इस दिन भीगे हुए चने खाने की भी परंपरा है। कहा जाता है कि इस दिन 11 भीगे हुए चने बिना चबाए खाए जाते हैं। उसी को खाकर व्रत का समापन होता है। इस दिन दान पुण्य का भी कास महत्व है। कई जगह इस दिन सास को बायना देने की भी परंपरा है। कहा जाता है कि इस दिन सास को खाना, फल, कपड़े आदि का दान करना बहुत शुभ होता है। इसके अलावा अपने से किसी भी बड़े को भी दान किया जाता है। हाथ का पंखा, खरबूज और आम का दान के लिए  इस्तेमाल होता है। इस व्रत में वट वृक्ष के पूजे जाने के पीछे भी एक कहानी है।


कहा जाता है कि इस दिन सावित्री ने अपने पति के लिए वट वृक्ष के नीचे तप कर पति को यमराज से छोड़ने पर मजबूर कर दिया था। इसीलिए महिलाएं हर साल वट वृक्ष की पूजा करती हैं। इस व्रत को करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य और संतान की प्राप्ति होती है। 

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